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मल्टिपल स्क्लेरोसिस

मल्टिपल स्क्लेरोसिस क्या होता है?

मल्टिपल स्क्लेरोसिस (MS) केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का एक दीर्घकालिक रोग है जो प्रायः रोगी को असक्षम कर देता है। इसके लक्षण रुक-रुक कर होने वाले और हल्की तीव्रता वाले हो सकते हैं, जैसे किसी बांह या पैर का सुन्न होना, या कोई दृष्टि संबंधी गड़बड़ी, जो समय के साथ-साथ ठीक हो जाती है। कुछ लोगों में इसके अधिक तीव्र और दीर्घस्थायी लक्षण हो सकते हैं जिनमें लकवा, मूत्र रोक न पाना, संज्ञान क्षमता की हानि, या दृष्टि की हानि शामिल हैं। MS का हर मामला बाकियों से अलग होता है जो इस बात पर निर्भर करता है कि कौन सी तंत्रिकाएं प्रभावित हुई हैं। किसी व्यक्ति विशेष में इसका कोई एक लक्षण, सारे लक्षण, या कुछ लक्षण हो सकते हैं। कुछ मामलों में लक्षण पूरी तरह ठीक हो जाते हैं तो कुछ मामलों में कुछ या सारे लक्षण बने रह सकते हैं।

तंत्रिकाएं एक तंत्रिका संकाय (नर्व बॉडी) और बहुत सारी ‘शाखाओं’ से मिलकर बनती हैं। एक शाखा बाकियों से काफी लंबी होती है। इसे तंत्रिकाक्ष (एक्ज़ॉन) कहते हैं। पूरी की पूरी तंत्रिका पर मायलिन शीथ नामक आवरण चढ़ा होता है जो उसकी सुरक्षा करता है और संदेशों को एक से दूसरी नर्व बॉडी तक भेजने में मदद करता है। मायलिन तंत्रिका में संकेतों को आगे बढ़ाता रहता है। मल्टिपल स्क्लेरोसिस में मायलिन क्षतिग्रस्त हो जाता है। यह जगह-जगह से टूटने लगता है, जिससे तंत्रिका का और विशेष रूप से एक्ज़ॉन का सुरक्षा आवरण ख़त्म हो जाता है (इस स्थिति को डीमायलिनेशन कहते हैं), जिससे संदेशों के संप्रेषण पर प्रभाव पड़ता है। अंततः मायलिन में टूट-फूट इतनी अधिक हो जाती है कि तंत्रिका का एक्ज़ॉन भी क्षतिग्रस्त हो जाता है।

मल्टिपल स्क्लेरोसिस में जो होता है उसके पीछे शोथ (इंफ्लामेशन) एक कारण हो सकता है। शोथ तब होता है जब व्यक्ति को कोई संक्रमण होता है। इसे त्वचा पर लालिमा, सूजन और गर्माहट उत्पन्न होने के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि श्वेत रक्त कोशिकाएं संक्रमण से लड़ने के लिए वहां बड़ी संख्या में पहुंच जाती हैं और अन्य कोशिकाएं क्षतिग्रस्त ऊतकों के मलबे को वहां से हटा रही होती हैं। शोथ शरीर के अंदर भी होता है जो शरीर के सभी तंत्रों को प्रभावित कर सकता है, और तंत्रिका तंत्र भी उन्हीं तंत्रों में से एक है। किसी अज्ञात कारण के चलते, शरीर के अंगों और ऊतकों में शोथ किसी ज्ञात संक्रमण के साथ या उसके बिना भी हो सकता है। माना जाता है कि शरीर में होने वाला शोथ, मायलिन को क्षति पहुंचाने वाले स्रोतों में से एक है। इसे ही MS का ट्रिगर माना जाता है। शोथ अपने पीछे प्लाक (टुकड़े) छोड़ सकता है और चोटिल मायलिन को क्षति पहुंचा सकता है (कभी-कभी इसे ज़ख्म (lesion) कहते हैं)।

मल्टिपल स्क्लेरोसिस की वृद्धि रुक-रुक कर चरणों में होती है और इन चरणों को प्रकोपन (exacerbation) कहते हैं। ये जब होते हैं तब लक्षण कम-से-कम 24 घंटे तक प्रकट होते हैं या और बदतर हो जाते हैं। घटाव (remission) तब होता है जब किसी प्रकोपन के बाद लक्षण, व्यक्ति की कार्यक्षमता के स्तर पर स्थिर हो जाते हैं। घटाव में होने के दौरान, कुछ लोग अपनी सामान्य कार्यक्षमता वापस पा लेते हैं, पर अधिकांश लोग प्रकोपन के बाद कार्यक्षमता के एक घटे हुए स्तर पर स्थिर हो जाते हैं।

मल्टिपल स्क्लेरोसिस चार वर्गों या प्रकारों में प्रकट हो सकता है।

  • क्लीनिकल दृष्टि से छिटपुट लक्षण (क्लीनिकली आइसोलेटेड सिम्प्टम्स, CIS), किसी एकल घटना में MS के छिटपुट लक्षणों को कहते हैं। ये लक्षण आमतौर पर 24 घंटों में चले जाते हैं। यदि कोई CIS ठीक नहीं होता है या केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में बदलावों के साथ स्थायी तौर पर बना रहता है तो वह MS के निदान का एक मानदंड होता है। यहां इस बात पर ध्यान देना ज़रूरी है कि कुछ लोगों में CIS एक बार होकर रह जाता है और इसलिए उनमें MS के होने की पहचान नहीं होती है। CIS निम्नलिखित रूपों में प्रकट हो सकते हैं:
    • ऑप्टिक न्यूराइटिस MS का सबसे आम लक्षण है। इसका अर्थ दृष्टि तन्त्रिका (ऑप्टिक नर्व) के शोथ से है। यह आमतौर पर केवल एक आंख में होता है जिससे दृष्टि धुंधली हो जाती है, रंगों के मान घट जाते हैं और आंख के स्थिर रहने के दौरान दर्द होता है।
    • आमतौर पर आपकी गर्दन से आपकी रीढ़ की हड्डी में उतरता हुआ सुन्नपन और झुनझुनी। हालांकि, यह सुन्नपन और झुनझुनी पैर के पंजों, पैरों, हथेलियों, बांहों या चेहरे में भी हो सकती है।
  • पुनरावर्ती शिथिलता (रीलैप्सिंग रीमिटिंग) MS में बारी-बारी से MS के प्रकोपन या लक्षणों के बढ़ने की अवधियां होती हैं जिनके बाद स्थिरता या लक्षणों में बढ़त रुक जाने की अवधियां होती हैं। इस वर्ग का MS बढ़ता नहीं है, सिवाय तीव्रताओं के दौरान। पुनरावर्ती-शिथिलता के साथ शुरुआत करने वालों में से आधे से अधिक रोगियों में दस वर्षों के अंदर द्वितीयक-वृद्धिशील (सेकंडरी-प्रोग्रेसिव) MS विकसित हो जाता है; और 90 प्रतिशत में 25 वर्षों के अंदर। MS से पीड़ित लगभग 75 प्रतिशत लोगों की शुरुआत इसी पुनरावर्तन-शिथिलता के क्रम से होती है।
  • प्राथमिक वृद्धिशील (प्राइमरी प्रोग्रेसिव) MS, MS का एक ऐसा वर्ग है जिसमें शिथिलता की अवधियां नहीं आतीं और रोग लगातार बढ़ता जाता है।
  • द्वितीयक वृद्धिशील MS की शुरुआत पुनरावर्ती-शिथिलता से होती है जिसमें लक्षण आते और जाते रहते हैं, पर फिर वह विकसित होकर प्राथमिक वृद्धिशील बन जाता है या फिर लक्षण लगातार बदलते रहते हैं।

लक्षण

लक्षण इस आधार पर होते हैं कि कौन सी तंत्रिका या तंत्रिकाएं प्रभावित हुई है/हैं। किसी एक व्यक्ति की आंखों में लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं तो किसी दूसरे व्यक्ति में शुरुआती लक्षण पैरों की कार्यक्षमता में दिख सकते हैं। कुछ लोगों में केवल एक लक्षण होता है, जिसे मोनोफ़ोकल एपिसोड कहते हैं। कुछ दूसरे लोगों में मल्टीफ़ोकल एपिसोड (एक से अधिक लक्षण) या कुछ अथवा कई लक्षण संयुक्त रूप से दिखाई दे सकते हैं।

MS की शुरुआत दिखाने वाले आम लक्षण इस प्रकार हैं:

  • पैरों, बांहों, या धड़ में सुन्नपन या कमज़ोरी, संभवतः शरीर के केवल एक ओर
  • बिजली के झटके जैसे एहसास, विशेष रूप से गर्दन को आगे की ओर चलाते समय (इसे हरमीट (Lhermitte) चिह्न कहते हैं)
  • कंपन
  • शरीर के विभिन्न भागों में झुनझुनी या दर्द
  • तालमेल का अभाव
  • अस्थिर चाल
  • दृष्टि की आंशिक या संपूर्ण हानि, आमतौर पर एक बार में एक आंख में
  • आंख को हिलाते समय दर्द
  • लंबे समय तक दोहरी दृष्टि या धुंधली दृष्टि
  • अस्पष्ट बोली
  • थकावट
  • चक्कर आना
  • यौनांगों, आंतों व मलाशय, और मूत्राशय का ठीक से कार्य न करना

MS में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं

मल्टिपल स्क्लेरोसिस व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य और योग्यताओं को प्रभावित कर सकता है। इन लक्षणों पर थकान का प्रभाव पड़ सकता है और प्रायः व्यक्ति इन्हें अस्थायी गिरावट मान कर अनदेखा कर देता है। हालांकि, यह नोट करना चाहिए कि ये लक्षण लगातार व एकसमान ढंग से बने हुए रहते हैं या नहीं। संभव है कि व्यक्ति में संज्ञान संबंधी सभी चुनौतियां न दिखें पर अक्सर उसका सामाना ऐसी एक या दो चुनौतियों से होता है। इसमें जानकारी की प्रोसेसिंग, ध्यान देना, एकाग्रता, शब्द ढूंढना या स्मृति हानि, उच्चतर स्तर का सोच-विचार, या अनुभूति व स्थान संबंधी चुनौतियां शामिल हो सकती हैं।

कुछ लोगों को MS के पहले लक्षण के रूप में अपनी स्मृति में, एकाग्रचित्त हो सकने या चीज़ों को याद करने/रखने की अपनी योग्यता में बदलाव महसूस हो सकते हैं। कुछ अन्य लोगों में भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करने में कठिनाई उत्पन्न हो सकती है, जैसे अनुपयुक्त मौकों पर हंसना या रोना, या हंसना या रोना शुरू कर देने पर उसे रोक न पाना। निर्णय क्षमता कमज़ोर पड़ सकती है और व्यक्ति आवेग में आकर कदम उठा सकता है।

MS में शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं

  • MS के कारण शरीर में होने वाले बदलाव, लक्षणों की निरंतरता हो सकते हैं या फिर वे नई शारीरिक समस्याओं के रूप में विकसित हो सकते हैं।
  • एक से अधिक घटना में ऑप्टिक न्यूराइटिस और शरीर में सुन्नपन व झुनझुनी में से एक या दोनों लक्षण, जो क्लीनिकल दृष्टि से छिटपुट लक्षण हैं।
  • आंखों की समस्याओं में आंखों की पेशियों में तालमेल बिगड़ जाने के कारण निस्टेग्मस (आंख का झटके से चलना) या दोहरी दृष्टि जैसी समस्याएं शामिल हो सकती हैं।
  • बोलने में कठिनाई की शुरुआत आमतौर पर किसी नासा वाणी गुणवत्ता के, शब्दों के बीच में रुकने के, या अस्पष्ट उच्चारण करने के रूप में होती है।
  • आमतौर पर रोग के थोड़ा बढ़ जाने पर जब गले की पेशियां प्रभावित हो जाती हैं तब निगलने से जुड़ी समस्याएं दिखने लगती हैं।
  • चक्कर आना, ऐसा लगना मानो कमरा घूम रहा हो।
  • मस्तिष्क में प्रभावित हुईं तंत्रिकाओं के कारण भावनात्मक बदलाव और अवसाद। कुछ परिस्थितियों में आपकी प्रतिक्रियाएं पहले से अलग या अधिक चरम हो सकती हैं। अवसाद MS के परिणाम के रूप में या रोग की प्रतिक्रिया के रूप में उत्पन्न हो सकता है।
  • सोचने की योग्यता पर धीमेपन, अस्पष्ट स्मृति, या ध्यान देने की क्षमता घट जाने का प्रभाव पड़ता है। MS पढ़ने या बातचीत करने की योग्यता को प्रभावित नहीं करता है।
  • निढालता या थकावट, विशेष रूप से ढलती दोपहर में। निढालता अत्यधिक कार्य करने या नींद की कमी से जुड़ी नहीं होती है, हालांकि ज़रूरी नहीं कि MS के साथ जीने वाले लोग सोने के बाद तरोताज़ा महसूस करें ही।
  • चलने में बदलाव, जैसे बेढंगेपन से चलना या तालमेल अथवा संतुलन का अभाव या फिर आपकी चाल (आपके चलने के तरीके) में बदलाव। ऐंठन, कंपन, असंतुलन, पैर के पंजों में सुन्नपन और निढालता के कारण चलने-फिरने में कठिनाई।
  • मलाशय और/या मूत्राशय संबंधी लक्षणों में मूत्रत्याग की आवश्यकता बढ़ना या मूत्राशय पूरी तरह खाली नहीं कर पाना शामिल है। आंतों में कब्ज़।
  • MS के साथ जीने वाले लगभग आधे लोगों में, विशेष रूप से उनमें जो वृद्धिशील MS के साथ जी रहे हैं, पेशियों में ऐंठन देखने को मिलती है जिसका स्तर जकड़न से लेकर तेज़ ऐंठन तक का हो सकता है और विशेष रूप से ऐसा पैरों में होता है।
  • बांहों या पैरों में कंपन, जिसके कारण चीज़ों को पकड़ना मुश्किल हो जाता है और चलने-फिरने पर प्रभाव पड़ता है।
  • तंत्रिकाओं से संबंधित असामान्य संवेदनाएं (डिसेस्थेसिया) जैसे जलन, झुनझुनी, तेज़ खुजली, तेज़ टीसों या चिरने जैसा तेज़ दर्द। पसलियों या पेट वाले भाग के इर्द-गिर्द कसावट जिसे MS हग (आलिंगन) कहते हैं।
  • गर्मी के प्रति असहनशीलता लक्षणों को बढ़ा सकती है। यदि श्रम के कारण आपका शरीर अधिक गर्म हो जाता है, तो आपको लक्षणों में वृद्धि महसूस हो सकती है, पर जब आपका शरीर ठंडा हो जाता है तो लक्षण चले जाते हैं।
  • यौन समस्याएं, जिनमें योनि में सूखापन या शिश्न में कड़ापन न आना अथवा आकर जल्द चले जाना, स्पर्श के प्रति ख़राब प्रतिक्रिया, या चरमोत्कर्ष तक पहुंचने में असमर्थता शामिल हैं।

MS के निदान के लिए परीक्षण

कई तंत्रिकीय रोगों की तरह MS के लिए भी कोई विशिष्ट परीक्षण नहीं है। बल्कि, इसके लिए कई आकलन व परीक्षण किए जाते हैं। इसकी पहचान के लिए मैकडोनल्ड मानदंड, 2017 संस्करण नामक एक मानकीकृत मानदंड का उपयोग किया जाता है जो MS की पहचान के लिए एक दिशानिर्देश प्रदान करता है। MS की पहचान के लिए आपके स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता को आपके केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, दृष्टि तंत्रिका) के कम-से-कम दो स्थानों में रोग के ऐसे साक्ष्य ढूंढने होंगे जो अलग-अलग समय-अवधियों से हों। अन्य संभावित रोगों को खारिज करके भी इसका निदान किया जा सकता है।

व्यक्ति का इतिहास लिया जाएगा और शारीरिक जांच की जाएगी। यह ज़रूरी है कि आप अपने स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता के सामने अपने सभी लक्षणों का वर्णन करें, भले ही वे आपके विचार में MS के लक्षण हों या न हों। इस वर्णन में लक्षणों के होने का समय, लक्षणों को सक्रिय करने वाले कारक (ट्रिगर) (यदि कोई हों), और यह बात शामिल होनी चाहिए कि क्या आपको अतीत में कोई लक्षण थे जो अब ठीक हो चुके हैं।

आपका प्रदाता एक व्यापक तंत्रिकीय जांच करेगा जिसमें आपके केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) और आपके शरीर की तंत्रिकाओं और पेशियों के आकलन शामिल होते हैं।

एक यूरोडायनमिक अध्ययन किया जा सकता है। यूरोलॉजिस्ट द्वारा की जाने वाली इस जांच में, आपके मूत्र तंत्र का संपूर्ण अध्ययन ऐसे बदलावों के लिए किया जाता है जो संभवतः MS से संबंधित हो सकते हैं। अभी और भविष्य में उपचार के उद्देश्य से आपके मूत्र तंत्र की आधार-रेखा कार्यक्षमता ज्ञात करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण अध्ययन है।

मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और दृष्टि तंत्रिका का MRI, जो विशेष रूप से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की तंत्रिकाओं में MS की विक्षतियों और प्लाक (टुकड़ों) की तलाश के लिए किया जाता है, केवल लगभग 80% विश्वसनीय होता है। मायलिन को हुई क्षति की मात्रा से डीमायलिनेशन की घटनाओं की समय-अवधियों के बारे में जानकारी मिलती है।

इलेक्ट्रोफोरेसिस नामक परीक्षण आपके सेरेब्रल स्पाइनल फ़्लूइड में मौजूद प्रोटीनों का परीक्षण होता है। सेरेब्रल स्पाइनल फ़्लूइड, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के चारों ओर मौजूद वह फ़्लूइड (तरल) है जो CNS को झटकों से बचाता है और उसकी सुरक्षा करता है। सेरेब्रल स्पाइनल फ़्लूइड प्राप्त करने के लिए रीढ़ की हड्डी में नहीं बल्कि मेरु नलिका (स्पाइनल कैनाल) में सावधानीपूर्वक स्पाइनल टैप या सुई लगाई जाती है और थोड़ा सा फ़्लूइड निकाल लिया जाता है। इसके बाद प्रयोगशाला में प्रोटीन और सीरम के लिए उसका परीक्षण किया जाता है।

इवोक्ड पोटेंशियल अध्ययन बताते हैं कि शरीर में तंत्रिकाएं कितनी अच्छी तरह कार्य कर रही हैं। इसमें तंत्रिकाओं के ऊपर की त्वचा पर एक ट्रांसपोंडर लगा कर उनकी कार्यक्षमता मापी जाती है।

आपके शरीर के अंदर के शोथ का आकलन करने और आपके स्वास्थ्य की सामान्य स्थिति की निगरानी के लिए रक्त परीक्षण किए जाएंगे। अनुवर्ती रक्त परीक्षणों से दवाओं के कार्य का आकलन प्राप्त होता है। इनके उदाहरणों में लिवर एंजाइमों के स्तर में वृद्धि या श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी शामिल हो सकती हैं।

MS का उपचार

दवाएं MS का सबसे आम उपचार हैं। इसके उपचार अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ न्यूरॉलजी, 2018 द्वारा लिखित MS क्लीनिकल प्रैक्टिस गाइडलाइन पर आधारित होते हैं।

MS की दवाएं केवल रोग को और बढ़ने से रोकने के लक्ष्य के लिए उपलब्ध हैं। इन दवाओं को रोग संशोधक चिकित्सा या डिसीज़ मोडिफ़ाइंग थेरेपी (DMT) कहा जाता है। इनका लक्ष्य रोग वृद्धि को टालने और ऐसा करके कार्यक्षमता से संबंधित अन्य समस्याओं को टालने का होता है। अभी तक, MS को पूरी तरह से ठीक करने वाली कोई दवाई नहीं बनी है।

DMT की शुरुआत कई कारकों के आधार पर की जाती है जिनमें, व्यक्ति की रोग का निदान और परिस्थिति की समझ, प्रकोपन की घटनाओं में घटाव, और अन्य लक्षणों के लिए ली गईं दवाओं के साथ अंतर्क्रियाएं शामिल हैं। आपके लिए दवाएं लिखने वाले व्यक्ति को अनुशंसित DMT के लाभों और दुष्प्रभावों का स्पष्ट वर्णन करना चाहिए, जिसमें, यदि आप दवाएं बदलना चाहें तो, प्रबंधन शामिल है।

निम्नलिखित तालिका में दी गईं कुछ दवाएं MS के लिए FDA से स्वीकृत हैं, कुछ को अन्य रोगों के लिए FDA से स्वीकृति मिली है पर उनका MS के लिए ऑफ़ लेबल उपयोग (स्वीकृत से अलग उपयोग) किया जाता है। तालिका में दी गईं अन्य दवाएं वे हैं जो क्लीनिकल परीक्षणों के विभिन्न चरणों में हैं और जिन्हें अभी FDA की स्वीकृति नहीं मिली है। अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से उपचार विकल्पों पर चर्चा करें क्योंकि इनमें से कुछ दवाएं FDA से स्वीकृति मिलने के बेहद करीब हैं।

MS DMT (डिसीज़ मोडिफ़ाइंग थेरेपी/रोग संशोधक चिकित्सा)

जेनेरिक नाम ब्रांड का नाम दवा देने की विधि रिया उपयोग

अलेम्टुज़ुमैब (Alemtuzumab)

लेम्ट्राडा (Lemtrada)

निषेचन (इन्फ़्यूज़न (IV))

मोनोक्लोनल एंटीबॉडी

पुनरावर्ती शिथिलता (रीलैप्सिंग रीमिटिंग) MS

एज़ाथायोप्रिन (Azathioprine)

इमुरैन (Imuran)

मुंह द्वारा

इम्युनोसप्रेसेंट (प्रतिरक्षा तंत्र को दबाने वाली)

पुनरावर्ती शिथिलता (रीलैप्सिंग रीमिटिंग) MS

क्लैडरिबाइन (Cladribine)

मैवेनक्लैड (Mavenclad)

मुंह द्वारा

MS की प्रतिरक्षा घटनाओं को बाधित करती है

पुनरावर्ती शिथिलता (रीलैप्सिंग रीमिटिंग) MS

कॉर्टिकोस्टेरॉइड

मेथिलप्रेडनिसोलोन (Methylprednisolone) डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) प्रेडनिसोन (Prednisone) बीटामेथासोन (Betamethasone)

निषेचन (इन्फ़्यूज़न (IV)) और मुंह द्वारा

शोथ का दमन करती है

प्रकोपन की तीव्रता घटाती है

साइक्लोफॉस्फामाइड (Cyclophosphamide)

सायटॉक्सिन (Cytoxin)

निओसार (Neosar)

निषेचन (इन्फ़्यूज़न (IV))

शोथ का दमन करती है

पुनरावर्ती शिथिलता (रीलैप्सिंग रीमिटिंग) MS

डैलफ़ैम्प्रिडिन (Dalfampridine)

एम्पिरा (Ampyra)

मुंह द्वारा

तंत्रिका संप्रेषण को बेहतर बनाती है

चलने-फिरने के लिए

डाईमेथिल फ़्यूमरेट (Dimethyl fumarate)

टेकफ़िडेरा (Tecfidera)

मुंह द्वारा

शोथ घटाती है

पुनरावर्ती शिथिलता (रीलैप्सिंग रीमिटिंग) MS

फ़िंगोलिमॉड (Fingolimod)

गिलेन्या (Gilenya)

मुंह द्वारा

शोथ घटाती है

पुनरावर्ती शिथिलता (रीलैप्सिंग रीमिटिंग) MS

ग्लैटिरेमर एसिटेट (Glatiramer acetate)

जेनेरिक कोपैक्सोन (Copaxone)

इंजेक्शन

मायलिन की रक्षा करती है

पुनरावर्ती शिथिलता (रीलैप्सिंग रीमिटिंग) MS

इम्लीक्ल्यूसेल-टी (Imilecleucel-t)

टीसेलना (Tcelna)

इम्युनोथेरेपी

द्वितीयक वृद्धिशील (सेकंडरी प्रोग्रेसिव) MS

इम्युनोग्लोबुलिन

IVIG

निषेचन (इन्फ़्यूज़न (IV))

प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूती देती है

प्रतिरक्षा तंत्र को बेहतर बनाती है

इंटरफ़ेरॉन बीटा-1ए (Interferon beta-1a)

एवोनेक्स (Avonex)

रेबिफ़ (Rebif)

इंजेक्शन

इंजेक्शन

विनिर्मित इंटरफ़ेरॉन (प्रोटीन)

पुनरावर्ती शिथिलता (रीलैप्सिंग रीमिटिंग) MS

इंटरफ़ेरॉन बीटा-1बी (Interferon beta-1b) त्वचा के नीचे हर दूसरे दिन

बीटासेरॉन (Betaseron)

एक्सटेविया (Extavia)

इंजेक्शन

विनिर्मित इंटरफ़ेरॉन (प्रोटीन)

पुनरावर्ती शिथिलता (रीलैप्सिंग रीमिटिंग) MS

मेथोट्रेक्सेट (Methotrexate)

मैक्सट्रेस (Maxtres)

इंजेक्शन

इम्युनोसप्रेसेंट (प्रतिरक्षा तंत्र को दबाने वाली)

पुनरावर्ती शिथिलता (रीलैप्सिंग रीमिटिंग) MS

माइटोज़ैंट्रोन (Mitoxantrone)

नोवैंट्रोन (Novantrone)

निषेचन (इन्फ़्यूज़न (IV))

एंटीनियोप्लास्टिक (ट्यूमर-रोधी) दवा, जो मायलिन शीथ की रक्षा करती है

पुनरावर्ती शिथिलता (रीलैप्सिंग रीमिटिंग) MS

नटालीज़ुमैब (Natalizumab)

टिसैब्री (Tysabri)

निषेचन (इन्फ़्यूज़न (IV))

मोनोक्लोनल एंटीबॉडी

पुनरावर्ती शिथिलता (रीलैप्सिंग रीमिटिंग) MS

ओक्रेलिज़ुमैब (Ocrelizumab)

ओक्रेवस (Ocrevus)

निषेचन (इन्फ़्यूज़न (IV))

मोनोक्लोनल एंटीबॉडी

पुनरावर्ती शिथिलता (रीलैप्सिंग रीमिटिंग) MS

रिटक्सिमैब (Rituximab)

रिटक्सैन (Rituxan)

निषेचन (इन्फ़्यूज़न (IV))

मोनोक्लोनल एंटीबॉडी

पुनरावर्ती शिथिलता (रीलैप्सिंग रीमिटिंग) MS

सिपोनिमॉड (Siponimod)

मेज़ेंट (Mayzent)

मुंह द्वारा

इम्युनोमॉडुलेटर (प्रतिरक्षा परिवर्तक)

द्वितीयक वृद्धिशील (सेकंडरी प्रोग्रेसिव) MS

टेरिफ़्लुनोमाइड (Teriflunomide)

ऑबाजियो (Aubagio)

मुंह द्वारा

इम्युनोसप्रेसेंट (प्रतिरक्षा तंत्र को दबाने वाली)

पुनरावर्ती शिथिलता (रीलैप्सिंग रीमिटिंग) MS

विशिष्ट लक्षणों के लिए अन्य दवाएं दी जाती हैं। MS की अन्य आम दवाओं में बैक्लोफ़ेन (baclofen), टिज़ैनिडिन (tizanidine) या डाइएज़ेपैम (diazepam) शामिल हैं जिनका उपयोग पेशियों की स्पास्टिसिटी (कठोरता) घटाने के लिए किया जाता है। कोलिनर्जिक दवाएं मूत्र समस्याएं घटाने में सहायक सिद्ध हो सकती हैं। कब्ज या बवासीर के मामले में मलत्याग संबंधी तैयारियां सहायता करती हैं। अवसादरोधी दवाएं मूड या व्यवहार संबंधी लक्षणों के लिए सहायक सिद्ध हो सकती हैं। थकान के लिए एमेनटेडिन (Amantadine) दी जा सकती है।

MS के अन्य उपचार

कुछ व्यक्तियों को MS के प्रकोपन के दौरान एक ऐसा उपचार दिया जा सकता है जिसमें रक्त से ऐसी एंटीबॉडी निकाल ली जाती हैं जो संभवतः उसके प्रतिरक्षा तंत्र पर हमला कर रही हो सकती हैं। इस उपचार को प्लाज़्माफेरेसिस कहते हैं। इस चिकित्सा की प्रभावशीलता अस्पष्ट है।

कूलिंग वेस्ट – कुछ व्यक्ति यह पाते हैं कि हल्की-फुल्की गतिविधि से भी उनका शरीर गर्म हो जाता है या उन्हें परिवेश इतना गर्म लगता है कि वे कार्य नहीं कर सकते हैं। इससे थकान बढ़ती है जिससे गतिविधि और सोच-विचार करना कठिन हो जाता है। इसलिए, उनके शरीर के आंतरिक तापमान को घटाने में सहायता के लिए कूलिंग वेस्ट (जैकेट) या अन्य उपकरणों का उपयोग किया जा सकताहै।

MS के गैर-प्रिस्क्रिप्शन उपचार

कुछ व्यक्ति MS के लक्षणों के लिए प्रिस्क्रिप्शन के बिना वाले अन्य अतिरिक्त उपचार आजमाने का विकल्प चुनते हैं। ऑफ़ लेबल (स्वीकृत से अलग उपयोग), वैकल्पिक पद्धतियों वाली और ओवर द काउंटर (प्रिस्क्रिप्शन के बिना मिलने वाली) दवाओं एवं उपचारों पर आपको अपने स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर के साथ खुल कर चर्चा करके यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उक्त दवाओं या उपचारों की आपको प्रिसक्राइब की गईं दवाओं के साथ कोई अंतर्क्रिया न हो या वे आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हों। यहां यह बात ध्यान देने योग्य है कि उपचारों के मूल्यांकन के लिए वैज्ञानिक शोध अभी चल रहा है।

एक्यूपंक्चर और मालिश वे सबसे आम गैर-प्रिस्क्रिप्शन वाले उपचार हैं जिन्हें MS के साथ जी रहे व्यक्ति आजमाते हैं। हालांकि इनसे रोग का बढ़ना रुकता नहीं है, पर कुछ व्यक्ति बताते हैं कि इनसे पेशियों की कठोरता जैसे लक्षणों में राहत मिलती है।

पेशियों की कठोरता, तंत्रिकाविकृतिजन्य दर्द, मूत्रत्याग की बारंबारता, और मानसिक योग्यता संबंधी समस्या को घटाने के लिए भांग (कैनाबिस) का उपयोग विभिन्न रूपों में किया जा सकता है, जैसे मुख से, स्प्रे करके, और सूंघ कर।

मानसिक योग्यता और थकावट की स्थिति में सुधार के लिए जिंग्को बिलोबा (Gingko Biloba) का उपयोग किया जा सकता है।

प्रकोपन और थकावट को घटाने एवं जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए मछली के तेल से युक्त कम वसा वाले आहार का उपयोग किया जा सकता है।

थकावट घटाने के लिए चुंबक चिकित्सा का उपयोग किया जा सकता है।

चिकित्सा

चिकित्सा की बहुविषयक पद्धति, जिसमें भौतिक, वाणी, और व्यावसायिक चिकित्साओं का उपयोग अलग-अलग या एक साथ किया जाता है, से कार्यक्षमता में वृद्धि हो सकती है, दृष्टिकोण में सुधार आ सकता है, अवसाद घट सकता है, और सामना करने के कौशलों में वृद्धि हो सकती है। MS के क्रम के आरंभ में ही नियोजित व्यायाम कार्यक्रम शुरू कर देने से मांसपेशियों की तन्यता (टोन) बनाए रखने में मदद मिलती है। व्यायाम और ऊर्जा संरक्षण, उपयोगी चिकित्साएं हैं। श्वसन या अन्य चिकित्साओं के माध्यम से श्वसन में सुधार या उसका रखरखाव हासिल किया जा सकता है। MS का हमला सक्रिय कर सकने वाले कारकों को घटाने के लिए थकान, तनाव, शारीरिक क्षय, चरम तापमानों, और रुग्णता से बचने के प्रयास किए जाने चाहिए।

संज्ञान संबंधी समस्याओं और मल्टिपल स्क्लेरोसिस से जुड़े अवसाद से निपटने में सायकाईट्रिस्ट (मनोरोगविज्ञानी) या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ सहायक सिद्ध हो सकते हैं। यह विशेषज्ञ रोग को समझने व अनुकूलन तकनीकों के मामले में और रोग से संबंधित पारिवारिक मामलों में रोगी की सहायता कर सकता है। सामना करने के कौशल, चिकित्सा के कई केंद्र बिंदुओं में से एक हो सकते हैं।

MS के वैकल्पिक उपचारों के ऐतिहासिक सिद्धांत

चूंकि MS का कोई इलाज नहीं है, अतः लोगों ने इस रोग को ठीक करने के लिए विभिन्न प्रकार के वैकल्पिक उपचार आजमाए हैं। दुर्भाग्य से, ये उपचार प्रभावी नहीं पाए गए हैं। वस्तुतः कुछ उपचार न केवल झूठे, बल्कि एलर्जिक प्रतिक्रियाओं और मृत्यु तक के कारण, ख़तरनाक भी पाए गए हैं। ऐसा मानने का कोई शरीरक्रिया संबंधी तर्काधार मौजूद नहीं है कि ये उपचार रोग के क्रम को बेहतर बना सकते हैं।

मधुमक्खियों के डंक, MS के रोगक्रम को बेहतर नहीं बनाते हैं।

दांतों की एमलगम फ़िलिंग हटाने से MS का रोगक्रम बेहतर नहीं होता है।

अनुसंधान

दवा संशोधक चिकित्सा हेतु दवाओं पर निरंतर अनुसंधान और इलाज की तलाश जारी है। नई दवाएं और स्टेम सेल चिकित्सा द्वारा उपचार अधिक दूर नहीं हैं।

पहचान, उपचार और परिणामों के लिए पीडियाट्रिक MS का शोध बढ़ रहा है क्योंकि अनुमान है कि 10% नए मामले इसी जनसमूह में हैं। इस बात की अटकल लगाई जा रही है कि MS का विकास छोटी उम्र में शुरू हो जाता है, भले ही लक्षण काफी बाद में जाकर दिखें।

MS क्यों और कैसे विकसित होता है इसे समझने के लिए आण्विक कारण, रोकथाम और उपचार का अध्ययन किया जा रहा है। शोधकर्ता MS के स्रोत, जिनमें वायरस, शोथ और अन्य कारण शामिल हैं, की क्रियाविधियों के अध्ययन के लिए प्रयोगशाला विज्ञान का उपयोग कर रहे हैं। कारण समझ में आ जाने पर उपचार विकसित किए जा सकते हैं। बुनियादी शोध, आनुवंशिकी, पर्यावरण और MS के प्रकार पर आधारित शाखाओं तक में बंट कर आगे बढ़ रहा है।

विभिन्न विषयों के शोधकर्ताओं द्वारा ऐसे कई अध्ययन संचालित हो रहे हैं जो MS के साथ जी रहे व्यक्तियों की जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखते हैं।

ट्रांसक्रेनियल डायरेक्ट करंट स्टीमुलेशन (tDCS) एक निम्न-स्तरीय विद्युतधारा है जिसे मस्तिष्क के, और कभी-कभी रीढ़ की हड्डी के, विद्युत-प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए बाहर से सिर पर लगाया जाता है। MS समेत कई नैदानिक प्रकार के तंत्रिकीय रोगों में यह शोध किया जा रहा है। इसका अध्ययन, संज्ञानात्मक कमज़ोरी, थकावट एवं अन्य परिणामों में सहायता के लिए किया जा रहा है।

कीमोथेरेपी द्वारा रोगी की अस्थि मज्जा में मौजूद प्रतिरक्षा कोशिकाओं का सफ़ाया करके और फिर उसमें स्वस्थ मेसिनकायमल स्टेम कोशिकाओं को बसाकर, शोधकर्ता यह आशा कर रहे हैं कि इस प्रकार पुनर्निर्मित प्रतिरक्षा तंत्र स्वयं की तंत्रिकाओं पर हमले रोक देगा। यह अवधारणा अभी अध्ययन के चरण में है।

MS संबंधी तथ्य एवं आंकड़े

हर 1,00,000 में से 30 से 80 लोगों में MS की पहचान होती है।

MS आमतौर पर 20 से 50 वर्षीय लोगों में होता है।

बच्चों एवं बुजुर्गों में MS के होने की पहचान हुई है पर उनकी संख्या अपेक्षाकृत काफ़ी कम है।

महिलाओं में MS के होने की संभावना पुरुषों से दोगुनी होती है।

कॉकेशियाई वंशावली वाले व्यक्तियों में MS के होने की संभावना सबसे अधिक होती है।

आपका निवास भूमध्य-रेखा से जितनी दूर होगा, MS के होने की संभावना उतनी बढ़ती जाएगी।

लगभग 15% व्यक्तियों के मामले में यह रोग पारिवारिक प्रतीत होता है।

थकान लगभग 80 प्रतिशत MS रोगियों में होती है और यह व्यक्ति के कार्य करने की क्षमता में उल्लेखनीय रूप से हस्तक्षेप कर सकती है। यह ऐसे व्यक्ति में सबसे प्रमुख लक्षण हो सकती है जो वैसे रोग द्वारा मामूली रूप से प्रभावित रहा है।

हालांकि MS दीर्घस्थायी और लाइलाज है, पर MS के साथ जी रहे लोगों की जीवन प्रत्याशा लगभग उतनी ही होती है जितनी कि इसके बिना जी रहे लोगों की, और MS की पहचान के बाद का जीवनकाल 35 वर्ष या अधिक होता है। MS से ग्रस्त अधिकांश लोग मामूली अशक्तता के साथ 20 या अधिक वर्षों तक चलते-फिरते और कार्यस्थल पर काम करते रहते हैं।

पढ़ने योग्य अतिरिक्त सामग्री

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