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फ़्रीडरिक एटैक्सिया

फ़्रीडरिक एटैक्सिया क्या होता है?

फ़्रीडरिक एटैक्सिया (जिसे FA या FRDA भी कहते हैं) एक वंशानुगत रोग है जो तंत्रिका तंत्र को उत्तरोत्तर बढ़ते क्रम में नुकसान पहुंचाता है। इसके कारण मांसपेशियों में कमज़ोरी, बोलने में कठिनाई, या हृदय रोग जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

चलने-फिरने में कठिनाई आमतौर पर इसका पहला लक्षण होता है जो और बदतर होकर बांहों और धड़ में फैल सकता है। बांहों और पैरों में संवेदना की हानि, शरीर के अन्य भागों तक फैल सकती है।

अन्य लक्षणों में कंडराओं की प्रतिवर्ती क्रिया की हानि शामिल है, विशेष रूप से घुटनों और टखनों में। फ़्रीडरिक एटैक्सिया से ग्रस्त अधिकांश लोगों में स्कोलियोसिस (रीढ़ का एक ओर झुकना) हो जाता है जिसके लिए सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता पड़ सकती है।

फ़्रीडरिक एटैक्सिया से छाती में दर्द, सांस फूलना, और धुकधुकी (हृदय का ज़ोरों से धड़कना) जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। ये लक्षण हृदय रोग के उन विभिन्न रूपों का परिणाम होते हैं जो प्रायः इस रोग के साथ-साथ होती हैं, जैसे हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (हृदय का आकार बढ़ना), मायोकार्डियल फ़ाइब्रोसिस (हृदय की पेशियों में रेशे जैसे पदार्थ का बनना), और हृदय विफलता।

इस रोग को इसका नाम निकोलस फ़्रीडरिक नामक चिकित्सक से मिला है जिन्होंने सबसे पहले 1860 के दशक में इस स्थिति का वर्णन किया था। “एटैक्सिया” का अर्थ तालमेल की समस्याओं और अस्थिरता से है और यह कई रोगों एवं स्थितियों में देखने को मिलता है।

फ़्रीडरिक एटैक्सिया का विशेष लक्षण है रीढ़ की हड्डी के तंत्रिका ऊतकों और उन तंत्रिकाओं का क्षय जो बांहों और पैरों के संचलन को नियंत्रित करते हैं।

रीढ़ की हड्डी पतली हो जाती है और तंत्रिका कोशिकाएं उन्हें आवेगों के चालन में मदद देने वाले मायलिन इंसुलेशन की कुछ मात्रा खो देती हैं।

फ़्रीडरिक एटैक्सिया दुर्लभ है; यह अमेरिका में 50,000 में से लगभग 1 व्यक्ति को प्रभावित करता है।

पुरुषों और महिलाओं में इसके होने की संभावना बराबर होती है। इसके लक्षण आमतौर पर 5 से 15 वर्ष की आयु में आरंभ होते हैं, पर वे 18 माह जितनी छोटी और 30 वर्ष जितनी बड़ी आयु में भी प्रकट हो सकते हैं।

उपचार और वैज्ञानिक घटनाक्रम

इस समय फ़्रीडरिक एटैक्सिया के लिए कोई प्रभावी इलाज़ या उपचार मौजूद नहीं है। हालांकि, अधिकांश लक्षणों और उनसे संबंधित जटिलताओं का उपचार किया जा सकता है।

अध्ययन दर्शाते हैं कि माइटोकॉन्ड्रिया में पाया जाने वाला फ़्रैटैक्सिन (frataxin) नामक प्रोटीन बहुत से अंगों के ठीक से कार्य करने के लिए महत्वपूर्ण होता है। पर FA से ग्रस्त लोगों की प्रभावित कोशिकाओं में फ़्रैटैक्सिन की मात्रा गंभीर रूप से घट चुकी होती है।

फ़्रैटैक्सिन की इस हानि के कारण तंत्रिका तंत्र, हृदय और अग्न्याशय विशेष रूप से फ़्री रेडिकल्स (जो ऑक्सीजन के साथ आयरन के आधिक्य की अभिक्रिया होने पर उत्पन्न होते हैं) से होने वाली हानि के प्रति अरक्षित हो जाते हैं।

शोधकर्ताओं ने एंटीऑक्सीडेंट तत्वों/यौगिकों का उपयोग करके फ़्री रेडिकल्स के स्तर घटाने के प्रयास किए हैं। यूरोप में हुए आरंभिक अध्ययन सुझाते हैं कि कोएंज़ाइम Q10, विटामिन E, और इडेबेनोन (Idebenone) जैसे एंटीऑक्सीडेंट सीमित लाभ प्रदान कर सकते हैं।

हालांकि अमेरिका में हुए नैदानिक परीक्षणों में फ़्रीडरिक एटैक्सिया से ग्रस्त लोगों में इडेबेनोन की प्रभावशीलता नहीं दिखी है। इस समय इस दवा के अधिक शक्तिशाली संशोधित रूपों और अन्य एंटीऑक्सीडेंट तत्वों/यौगिकों के परीक्षण चल रहे हैं।

इस बीच वैज्ञानिक दवा उपचारों, जेनेटिक इंजीनियरिंग, और प्रोटीन डिलीवरी सिस्टम के माध्यम से फ़्रैटैक्सिन का स्तर बढ़ाने और आयरन के उपापचय का प्रबंधन करने के तरीकों की भी छानबीन कर रहे हैं।

संसाधन

यदि आप फ़्रीडरिक एटैक्सिया के बारे में और जानकारी की तलाश में हैं या आपको कोई विशेष प्रश्न पूछना है, तो हमारे जानकारी विशेषज्ञ सप्ताह के व्यापारिक कार्यदिवसों पर, सोमवार से शुक्रवार सुबह 9 बजे से 5 बजे (पूर्वी समयानुसार) तक टोल फ़्री नंबर 800-539-7309 पर उपलब्ध हैं।